प्रेरक गीत
वंदे मातरम
अपने लिए
नदिया चले - सफ़र
किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार
मधुबन खुशबू देता है
ऐ मेरे प्यारे वतन
आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं
सूरज रे जलते रहना
आ चल के तुझे ले के चलूं